मैं सुजीत कुमार यादव, एक किसान का बेटा हूँ, और उस मिट्टी से आया हूँ जहाँ सपने अक्सर उगने से पहले ही कुचल दिए जाते हैं। मेरा बचपन किताबों के लिए नहीं, बल्कि खेतों में मजदूरी के लिए बना था। मैं उस पीढ़ी का हिस्सा हूँ जिसने तपती धूप में खेतों में काम किया और रातों में किताबों से दोस्ती की, क्योंकि पढ़ाई मेरा जुनून था। मैंने गरीबी को करीब से देखा है, जहाँ एक बच्चे के लिए किताबें किसी विलासिता से कम नहीं होतीं। इसी संघर्ष के बावजूद, मैं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से स्नातक, एलएलबी और अब समाजशास्त्र में पीएचडी करने वाला अपने समाज का पहला व्यक्ति बना।
फंडरेजर की योग्यता और उपलब्धियाँ:
मेरी शिक्षा और अनुभव ने मुझे समाज की जड़ों को गहराई से समझने की दृष्टि दी है। मैंने BHU से समाजशास्त्र में स्नातक और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है, और वर्तमान में वहीं से समाजशास्त्र में पीएचडी कर रहा हूँ। मेरी अकादमिक यात्रा ने मुझे यह सिखाया है कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा माध्यम है।
मेरी प्रमुख उपलब्धियाँ और अनुभव इस प्रकार हैं:
- शैक्षणिक उत्कृष्टता: मैंने न केवल BHU से उच्च शिक्षा प्राप्त की, बल्कि UGC NET भी क्वालीफाई किया है। हाई स्कूल में गणित में 100 में से 100 अंक प्राप्त करके तहसील टॉपर बनना और 12वीं कक्षा में रुद्रापुर तहसील टॉपर बनना मेरी शैक्षणिक लगन का प्रमाण है। मुझे 2016 में ‘यंग मैथमेटिशियन अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया।
- सामाजिक कार्य अनुभव:
- संस्कृति मंत्रालय के तहत कंटेंट राइटर (अक्टूबर 2022 – अप्रैल 2023): मैंने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत IIT बॉम्बे और संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ‘DDR प्रोजेक्ट’ में भारत की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कहानियों पर शोध किया।
- दृष्टिबाधितों के लिए स्क्राइब (मार्च 2022 – फरवरी 2023): मैंने एक दृष्टिबाधित छात्र के लिए स्क्राइब के रूप में काम किया, उसकी पढ़ाई में मदद की और अनुवाद कार्य में सहायता की।
- स्वयंसेवा और भागीदारी:
- महात्मा गांधी जीवन दर्शन साइकिल यात्रा: NSS BHU का प्रतिनिधित्व करते हुए वाराणसी से वर्धा आश्रम, महाराष्ट्र तक साइकिल यात्रा में भाग लिया।
- राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2020 लखनऊ: इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया।
- एक भारत श्रेष्ठ भारत 2019 BHU: इस कार्यक्रम में स्वयंसेवक के रूप में योगदान दिया।
- युवा धर्म संसद 2019, BHU, वाराणसी: इसमें सक्रिय भूमिका निभाई।
- 2-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार: गुप्त वंश के प्रसिद्ध शासक स्कंदगुप्त विक्रमादित्य की भूमिका पर भारत अध्ययन केंद्र, BHU द्वारा आयोजित सेमिनार में स्वयंसेवक रहे।
- राष्ट्रीय ई-कार्यशाला (BHU, वाराणसी 2021): ‘हिस्टोरियोग्राफी: पर्सपेक्टिव्स को समझना’ पर 7-दिवसीय राष्ट्रीय ई-कार्यशाला में भाग लिया।
- एशियन एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड हिस्टोरियंस, 2022: नई दिल्ली में आयोजित 5वें एशियाई एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड हिस्टोरियंस में स्वयंसेवक रहे।
- उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन 2023: FEDCUTA द्वारा आयोजित ‘भारत में उच्च शिक्षा का संकट’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में स्वयंसेवक के रूप में भाग लिया।
- अन्य कौशल: मेरे पास उत्कृष्ट संगठनात्मक क्षमताएं, नेतृत्व कौशल, प्रभावी संचार, रचनात्मक लेखन, अनुसंधान और विश्लेषण, समस्या-समाधान, और बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान (MS ऑफिस, वेब ब्राउज़िंग) हैं।
कार्य का प्रभाव:
जब कोविड महामारी के दौरान स्कूल बंद हुए, तो मेरे गाँव के मासूम बच्चों के सपने भी जैसे थम से गए। मैंने देखा कि कैसे किताबें छूट गईं और बच्चे खेतों में मजदूरी करने को मजबूर हो गए। उस समय, मैंने ठान लिया कि इन बच्चों के सपनों को टूटने नहीं दूँगा। बिना किसी संसाधन के, मैंने अपने गाँव में एक मुफ्त ट्यूशन सेंटर शुरू किया।
छह दिनों तक गाँव-गाँव घूमकर मैंने उन बच्चों को ढूँढा जिनके माता-पिता फीस नहीं दे सकते थे। कुछ ऐसे शिक्षक भी मेरे विचारों से प्रभावित हुए जिन्होंने बिना किसी शुल्क के बच्चों को पढ़ाने में मेरा साथ दिया। वर्तमान में, सुजीत यादव जी, अजीत यादव जी, मुकुंद साहनी जी, शिवकुमार जी, साहब यादव जी, वीरेंद्र कुमार जी और रौशनी तिवारी जी जैसी एक समर्पित टीम मेरे साथ काम कर रही है। हमारे इन्हीं अथक प्रयासों से आज उन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान है, क्योंकि उन्हें किताबों से फिर से प्यार हो गया है।
हमने अपनी पंचायत में पांच शिक्षा केंद्र स्थापित किए हैं, जो हमारी टीम के सदस्यों के घरों पर ही चलाए जाते हैं। प्रत्येक केंद्र में लगभग 30 से 35 विद्यार्थी हैं। अब तक, हमने 250 से अधिक बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ा है, उन्हें किताबें और स्टेशनरी उपलब्ध कराई है। यह केवल संख्या नहीं है; यह बच्चों के भविष्य में किए गए निवेश का प्रमाण है। एक भी बच्चा अगर शिक्षा की रोशनी से जुड़ता है, तो समाज में बदलाव की एक नई किरण जन्म लेती है। मेरा मानना है कि हर बच्चे को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए, और यह अभियान इसी सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है।
आपके सहयोग से हम क्या करेंगे?
आपके सहयोग से, हम इन शिक्षा केंद्रों को और मजबूत कर सकते हैं और अधिक बच्चों तक पहुँच सकते हैं। आपके दान का उपयोग निम्नलिखित मदों में किया जाएगा:
आपका योगदान बच्चों के सपनों को पंख देगा और उन्हें एक बेहतर भविष्य बनाने में मदद करेगा। आइए, मिलकर शिक्षा की इस मशाल को जलाएं और हर बच्चे के जीवन में रोशनी भरें।
सुजीत कुमार यादव ग्राम-दहरौल बुजुर्ग, पोस्ट-पिपरा कछार, जिला-देवरिया, उत्तर प्रदेश संपर्क: 7860574793, sujeety928@gmail.com